➤ मंडी सांसद कंगना रनौत के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर 30 अक्तूबर को तय होंगे मुद्दे
➤ किन्नौर निवासी लायक राम नेगी ने चुनाव रद्द करने की लगाई याचिका
➤ याचिकाकर्ता का आरोप – नामांकन गलत तरीके से किया गया अस्वीकार
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में मंडी से सांसद कंगना रनौत के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर अब अगले चरण की कार्यवाही तय हो गई है। अदालत ने 30 अक्तूबर को इस मामले में मुद्दे तय (इशू फ्रेम) करने का आदेश दिया है। इसके बाद दोनों पक्षों को अपने-अपने तर्क और साक्ष्य अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाएगा।
इससे पहले अदालत ने यह मामला हाईकोर्ट के अतिरिक्त रजिस्ट्रार (न्यायिक) के समक्ष दस्तावेजों की स्वीकृति और अस्वीकृति के लिए सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए थे। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की अदालत ने दोनों पक्षों की सहमति से आगामी 30 अक्तूबर को मुद्दे तय करने का आदेश पारित किया।
किन्नौर निवासी लायक राम नेगी ने मंडी संसदीय सीट से कंगना रनौत के चुनाव को चुनौती दी है। याचिका में उन्होंने आरोप लगाया है कि उनका नामांकन पत्र गलत तरीके से अस्वीकार किया गया, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ठेस पहुंची।
लायक राम ने बताया कि उन्होंने 14 मई 2024 को मंडी लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया था। वन विभाग से असामयिक सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने नो-ड्यूज सर्टिफिकेट निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत किया। लेकिन नामांकन जांच के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर (RO) एवं डीसी मंडी ने यह कहते हुए नामांकन खारिज कर दिया कि संबंधित विभागों से बिजली, पानी और टेलीफोन के नो-ड्यूज सर्टिफिकेट समय पर जमा नहीं करवाए गए।
याचिकाकर्ता के अनुसार, उसने अगले दिन यानी 15 मई को सभी प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए, मगर रिटर्निंग ऑफिसर ने उन्हें स्वीकार करने से मना कर दिया। इसके बाद उनका नामांकन अमान्य घोषित कर दिया गया।
लायक राम नेगी ने अपनी याचिका में कहा कि यह कार्रवाई चुनावी प्रक्रिया के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन है। उन्होंने अदालत से मंडी लोकसभा चुनाव रद्द करने और दोबारा चुनाव करवाने की मांग की है।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 30 अक्तूबर को तय की है, जब यह तय होगा कि इस याचिका में किन कानूनी और तथ्यात्मक बिंदुओं पर बहस की जाएगी।



